Facts About mahavidya baglamukhi Revealed
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ज्वल ज्ज्योत्स्ना रत्नाकर मणि विषक्तांघ्रि भवनं स्मरामस्तेधाम स्मरहर हरींद्रेंदु प्रमुखैः । अहोरात्रं प्रातः प्रणय नवनीयं सुविशदं परं पीताकारं परचित मणिद्वीप वसनम् ।।
These energies are so extreme that one particular has to be well ready to take care of them via ‘flawlessly performed’ Vedic Rituals in the form of a Maa Baglamukhi Puja. This is often why it is very advised that 1 Get hold of a realized priest to have the Puja ritual staying done in his/her title.
गदाभिघातेन च दक्षिणेन पीताम्बराढ्यां द्विभुजां नमामि ॥ २॥
The devotee should sit on the ground coated with yellow fabric and experiencing the east way whilst worshipping Goddess Baglamukhi. From the puja vidhi, an idol or impression of Goddess Baglamukhi needs to be there before the devotee.
देवी पीताम्बरा का नाम तीनों लोक में प्रसिद्ध है, पीताम्बरा शब्द भी दो शब्दों से बना है, पहला ‘पीत‘ तथा दूसरा ‘अम्बरा‘, जिसका अभिप्राय हैं पीले रंग का अम्बर धारण करने वाली। देवी को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। देवी पीले रंग के वस्त्र इत्यादि धारण करती है, पीले फूलों की माला धारण करती है। पीले रंग से देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध हैं। पञ्च तत्वों द्वारा संपूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण हुआ हैं, जिनमें से पृथ्वी तत्व का सम्बन्ध पीले रंग से हैं। बगलामुखी या पीताम्बरा देवी साक्षात ब्रह्म-अस्त्र विद्या हैं, जिसका तोड़ तीनों लोक में किसी के द्वारा संभव नहीं हैं। सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की शक्ति का समावेश देवी बगलामुखी में हैं।
बगलामुखी महाविद्या: बगलामुखी महाविद्या दस महाविद्याओं में आठवें स्थान पर विद्यमान है जो सर्व प्रकार स्तंभन युक्त शक्ति पीताम्बरा के नाम से प्रसिद्ध है। बगलामुखी शब्द दो शब्दों से बना है पहला ‘बगला‘ तथा दूसरा ‘मुखी‘। बगला से अर्थ हैं ‘विरूपण का कारण’ (वगुला एक पक्षी हैं, जिसकी क्षमता एक जगह पर अचल खड़े हो शिकार करना है) तथा मुखी से तात्पर्य मुख से है जिसका अर्थ है, मुख को विपरीत दिशा में मोड़ना। जिसको बगलामुखी कहा जाता है।
ॐ ह्लीं क्लीं ऐं बगलमुख्यै गदाधरिन्यै प्रेतासनाध्यसिन्यै स्वाहा
, the Recommendations for her worship. According to Kinsley, the color yellow retains significance in South India, as women normally have on yellow clothing as it really is viewed being an auspicious colour and symbolizes Sunshine and gold, nevertheless the link amongst Bagalamukhi and yellow is unclear (Kinsley 1997: 205). Bagalamukhi is additionally depicted sitting on a throne made up of a corpse of an enemy, and decorated in pink lotuses (Kinsley 1997: 207).
ऊँ ह्लीं बगलामुखीं ! जगद्वशंकरी! मां बगले! पीताम्बरे! प्रसीद प्रसीद मम सर्व मनोरथान् पूरय पूरय ह्लीं ऊँ
She is claimed to become living in the upper palate of human physique, wherever cerebrospinal fluid enters throat from the skull. This fluid is named amṛta in kuṇḍalinī meditation. When she's meditated upon, she shields the aspirant. She can also be described as the commander of the army of Parāśakti, as Bagalāmukhī was produced by Parāśakti, only to demolish that fantastic storm.
साधना घर के एकान्त कमरे में, देवी मन्दिर में, पर्वत शिखर पर, शिवालय में या गुरु के समीप बैठकर की जानी चाहिए। अत: गुरु से आज्ञा प्राप्त कर उनके बताए हुए रास्ते से ही साधना सम्पन्न करनी चाहिए।
Worshipping Baglamukhi has the potent virtue of taking away the devotees’ hurdles and illusions and developing a very clear street to prosperity in everyday life.
भारतीय तन्त्र-मन्त्र साहित्य अपने आप में अद्भुत, आश्चर्यजनक एवं रहस्यमय रहा है। ज्यों-ज्यों हम इसके रहस्य के मूल में जाते हैं, त्यों-त्यों हमें विलक्षण mahavidya baglamukhi अनुभव होते हैं। इस साहित्य में कुछ तन्त्र-मन्त्र तो इतने समर्थ, बलशाली एवं शीघ्र फलदायी हैं कि चकित रह जाना पड़ता है। ऐसे ही यंत्रों में एक यन्त्र है- बगलामुखी यन्त्र जो किसी भी प्रचंड तूफ़ान से भी टक्कर लेने में समर्थ है। शत्रुओं पर हावी होने, बलवान शत्रुओं का मान-मर्दन करने, भूतप्रेतादि को दूर करने, हारते हुए मुक़दमों में सफलता पाने एवं समस्त प्रकार से उन्नति करने में बगलामुखी यन्त्र श्रेष्ठतम माना जाता है। जिसके पास यह यन्त्र होता है उस पर किया गया तान्त्रिक प्रभाव निष्फल रहता है।